आलू के बारे में रोचक जानकारी

हर कहानी का एक मुख्य पात्र होता है। उसके इर्दगिर्द सारी कहानी गढ़ी जाती है। क्या सब्जियों की भी कोई कहानी हो सकती है? ऐसी कहानी का भी कोई नायक हो सकता है ?
बिल्कुल होता है और वो नायक और कोई नहीं बल्कि हमारी रसोई की पसंदीदा सब्जी ‘आलू’ है।
हम भारतीयों के लिए आलू ‘सब्जियों के राजा’ से कम तो बिल्कुल नहीं है। सुबह से शाम तक और नाश्ते से लेकर रात के भोजन तक आलू की रेसिपी कभी न कभी हमारी प्लेट की शोभा बढ़ाती रहती है।
पर अगर मैं ये कहूँ कि हमारी रसोई की ये पसंदीदा सब्जी एक विदेशी मेहमान है तो क्या आप यकीन करेंगें? हाँ , यकीन मानिये बिल्कुल ऐसा ही है। तो चलिए जानते हैं आलू का इतिहास और उससे जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ।
आलू का इतिहास
वैज्ञानिकों के अनुसार आज से कई सालों पहले लगभग 7000 BC में अमेरिकी महाद्वीप के देश पेरू और बुलेविआ में आलू के उत्पादन के अवशेष मिलते हैं। कई सालों तक आलू अमेरिकी मूल निवासियों का प्रमुख भोजन रहा।
16वीं शताब्दी में यूरोप के एक देश स्पेन ने अपने अमेरिकी उपनिवेशों से आलू की फसल संपूर्ण यूरोप के देशों में पहुंचाना शुरू किया। फिर एक बार आलू यूरोप पहुँचा तो वहाँ का भी हो गया।

लगभग इसी समय ब्रिटेन ने अपने उपनिवेशों का विस्तार एशियाई देशों में और खास तौर से भारत में किया। तब ब्रिटेन ही भारत में पहली बार आलू लेकर आया।तभी से आलू हमारे रोजाना भोजन का एक अभिन्न अंग बन गया।
सारे विश्व में आलू का यूं इतना प्रसिद्ध होने का मुख्य कारण था उसका सस्ता दाम और उसकी पौष्टिकता जो गरीब देशों और जनता के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता थी।
तो इस तरह आलू अमेरिका से होता हुआ सारे विश्व भर में फ़ैल गया।
आलू के मुख्य पोषक तत्व
अगर हम 150 ग्राम आलू को मानक लेकर चलें तो इसमें हमें ,
27 mg विटामिन C मिलता है जो कि हमारे रोजाना इस्तेमाल का 30% है। विटामिन C हमारे शरीर में एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) की मात्रा बढ़ाने के लिए आवश्यक है। जो हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाती है।
620 mg पोटैशियम मिलता है जो हमारे रोजाना इस्तेमाल का 15% है। पोटैशियम हमारी मांसपेशियों के किए जरूरी होता है।
0.2 mg विटामिन B6 मिलता है जो कि हमारे रोजाना इस्तेमाल का 10% है। विटामिन B6 त्वचा और लाल रक्त कोशिकाओं के लिए लाभदायक होता हैं।
26 mg कार्बोहायड्रेट मिलता है जो कि हमारे रोजाना इस्तेमाल का 9% है। कार्बोहायड्रेट शरीर की ऊर्जा का एक प्रमुख श्रोत है।
भारत में आलू का महत्त्व
भले ही किसी दौर में आलू विदेश से भारत में लाया गया हो पर आज ये एक प्रमुख भारतीय फसल है। चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक देश है। वर्ष 1949 में शिमला में इसके अनुसन्धान के लिए Central Potato Research Institute बनाया गया। पिछले सात दशक में भारत में आलू का उत्पादन 34 गुना बढ़ा है।
क्या आलू विषैला हो सकता है?

आलू नाईटसेड प्रजाति का एक पौधा है। आलू की ही तरह टमाटर, बैगन भी इस ही प्रजाति से आते हैं । नाईटसेड प्रजाति के पौधों में सोलेनिन (Solanine ) नामक विषैला तत्व पाया जाता है। असल में सोलेनिन (Solanine) की मात्रा पौधे के पत्तों , तनों जैसे हरे भागों में पाई जाती है और ये पौधों को किट पतंगों से बचाने के लिए होता है। इस कारण से आलू के पत्ते, तने या कोई हरा भाग भोजन की तरह इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
पर अच्छी बात है कि सोलेनिन (Solanine) के बनने के लिए सूरज की जरूरत है और इसलिए यह विषैला तत्व केवल तनों और पत्तों में ही पाया जाता है और जड़ों में लगने वाले आलू तक इसकी बहुत कम मात्रा पहुँचती है।
तो कैसे खाएं आलू?
आलू में अत्यधिक पौष्टिक तत्व होते हैं इसलिए हमें सोलेनिन (Solanine ) के कारण इसका उपभोग बंद बिल्कुल नहीं करना चाहिए। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम आलू के पत्ते , तने, अंकुर या उसके किसी हरे भाग का इस्तेमाल अपने भोजन में ना करें। हरे आलू की हरी त्वचा काट कर अलग कर देने से भी शेष आलू भोजन के लिए पूरी तरह सुरक्षित होता है। और अगर कम मात्रा में सोलेनिन (Solanine ) हमारे शरीर में पहुँचता भी है तो भी हमारा शरीर उसका प्रतिरोध करने में सक्षम होता है।
आलू से जूड़े कुछ मिथक तथ्य

- शकरकंद आलू से ज्यादा पौष्टिक होती है
शकरकंद भी आलू की ही प्रजाति की फसल है। बहुत से लोगो का ये मानना है कि शकरकंद आलू से ज्यादा पौष्टिक होती है। असल में दोनों की अपनी खुद की विशेषताएँ है। शकरकंद विटामिन A और फाइबर का श्रोत है और सामान्य आलू आयरन और मैंगनीज का अच्छा श्रोत है।
- आलू खाने से वजन बढ़ता है क्योंकि इसमें कार्बोहायड्रेट होता है
ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो कहता हो कि कार्बोहायड्रेट शरीर के वजन बढ़ने का कारण होता है। हमारे दिमाग की ऊर्जा के लिए कार्बोहायड्रेट एक मात्र श्रोत है। इस तरह से आलू हमारे दिमाग के लिए भी जरूरी है।
- आलू में पोषक तत्व उसके छिलके में होते हैं
यह भी एक प्रचलित भ्रम है। असल में छिलके हटा देने से फाइबर की मात्रा आधी रह जाती है। परन्तु पोटैशियम, विटामिन C जैसे तत्व अंदर के भाग में ही पाए जाते हैं।
लेख मुख्य बिंदु
- 7000 BC पहले भी होता था आलू का उत्पादन।
- अंग्रेज अपने साथ आलू भारत लाये थे।
- आलू में बड़ी मात्रा में विटामिन C ,विटामिन B 6 , पोटासियम , कार्बोहायड्रेट होता है।
- भारत दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक देश है।
- आलू के पत्ते ,तने ,आँख और हरे भागों में सोलेनिन(solenine) नामक विषैला तत्व होता है .इसलिए इन भागों को भोजन में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
Sources
- Center for Disease Control, Economic Research Service, USDA, Vegetables and Specialties Situation and Outlook Yearbook, 2008; CDC 2008
- https://en.wikipedia.org/wiki/History_of_the_potato
- https://www.potatogoodness.com/nutrition/
- http://bangordailynews.com/2011/06/13/health/peeling-away-potato-myths/
- https://farmfreshdirect.net/the-truth-about-potatoes-5-myths-debunked/
- Farm picture By Robert Müller - www.dhm.de, Public Domain, https://commons.wikimedia.org/w/index.php?curid=3754769